- दो हजार करोड़ रुपए बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन के लिए।
- महिलाओं के नाम से दिए जाएंगे एलपीजी कनेक्शन। 75 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी है।
- हेल्थ के लिए नई स्कीम। गरीबों को एक लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा।
- खेती के लिए कुल कर्ज 9 लाख करोड़ रुपए होगा।
- मनरेगा के लिए 38 हजार 500 करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं। जो अब तक का सबसे बड़ा फंड है।
- 2.87 लाख करोड़ रुपए ग्रामीण पंचायतों को दिए जाएंगे। उनके अधिकार भी बढ़ाए जाएंगे।
- एक मई 2018 तक देश के हर गांव में बिजली पहुंचा दी जाएगी।
- गांवों में बिजली के लिए 8500 करोड़ रुपए रखे जाएंगे।
- किसानों की बेहतरी के लिए कुछ नए उपाय करने होंगे।
- कमजोर वर्गों के लिए तीन नई स्कीम्स ला रहे हैं।
- हमारी कोशिश टैक्स के मामलों मे सुधार करना है।
- मनरेगा के तहत हम पांच लाख नए कुए बनाने जा रहे हैं। खासतौर पर सिंचाई के लिए।
- तीन साल में पांच लाख एकड़ में जैविक खेती करने का लक्ष्य है।
- कचरे से खाद बनाने की देश व्यापी स्कीम लाने की योजना है।
- दालों की कीमतें काबू रखने और उत्पादन बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट अलग से रखा जाएगा।
- पीएम सड़क योजना 19 हजार करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं।
- मंडी कानून में बदलाव करना चाहते हैं। ताकि किसानों को पूरा फायदा मिल सके।
- गरीबो और किसानों के लिए स्वास्थय बीमा योजना लाएंगे।
- देश में सड़कें बनाने का टारगेट 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना से किसानों को फायदा हुआ है। पिछले तीन सालों में इसका असर भी नजर आया है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में हमारी सरकार बेहतर सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
- आधार प्लेटफॉर्म से जुड़े लोगों को बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही हैं।
- बीपीएल फैमिलीज को कुकिंग गैस देने के लिए नई पॉलिसी लाई जा रही है।
- 2016 का बजट 9 अलग-अलग पिलर्स को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
- एग्रीकल्चर पर फोकस रखने की कोशिश की जाएगी।
- 2022 तक हम किसानों की कमाई दोगुनी करने की कोशिश कर रहे हैं । यही हमारा टारगेट है।
- 35984 किसानों के लिए दिए जाएंगे।
- 9 बजे वे प्रेसिडेंट से मिले।
- इसके बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बाकी का बजट जेटली को बैठकर पढ़ने की इजाजत दे दी थी।
- पिछले हफ्ते फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक स्पेशल पोडियम का ऑर्डर दिया था।
- यह पोडियम जेटली की टेबल के ठीक आगे रखा जाएगा। जरूरत पड़ने पर वह इस पर बजट स्पीच के पेपर रख सकेंगे।
- 2015 में उन्होंने सबसे लंबी स्पीच देने वाले फाइनेंस मिनिस्टर्स में दूसरी जगह हासिल की थी। उनकी स्पीच में 16500 शब्द थे।
- उनसे पहले डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में 18,600 शब्दों में स्पीच दी थी।
- ''हर बजट में हालात अलग होते हैं। कई सारे मुद्दे संभालने पड़ते हैं। इसकी तुलना किसी और बजट से नहीं करूंगा।''
- ''बजट के लिए बहुत तैयारी की। सबकी बातें सुनी हैं। सबकी सलाह ली है। कोशिश रही है कि सबके लिए बेहतर हो।''
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