नई दिल्ली
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ग्रामीण भारत और किसानों पर ध्यान केंद्रित किए जाने को लेकर बजट की सराहना करते हुए इसके कई उपायों को ‘ऐतिहासिक’ बताया है। अपने कथित कॉरपोरेट पूर्वाग्रह और ग्रामीण भारत को नजरंदाज करने को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही मोदी सरकार की आलोचना से छुटकारा पाने के लिए पार्टी के कड़ी मेहनत करने के बीच शाह ने इस बात पर जोर दिया कि देश की आजादी के बाद यह पहला बजट है जिसमें ‘गांवों, किसानों और गरीबों’ पर इतना जोर दिया गया है।
शाह ने संसद में बजट पेश किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बजट का जोर ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्रों को मजबूत करने तथा रोजगार सृजन बढ़ाने पर है..कृषि पर काफी ध्यान दिया गया है। साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का प्रस्ताव है।’’ उन्होंने स्थानीय निकायों को 2.70 लाख करोड़ रूपया आवंटित किए जाने, ग्रामीण भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक मई 2018 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 19,000 करोड़ रूपया आवंटित किए जाने का जिक्र किया तथा इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्रामीण विकास के लिए खर्च किया जाने वाला धन 228 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना ने दो करोड़ से अधिक लोगों को फायदा पहुंचाया है और इसके लिए आवंटन बढ़ा कर 1.8 लाख करोड़ रूपया किया गया है। शाह ने कहा, ‘‘परिवारों को एक लाख रूपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। यह एक बड़ा कदम है..1.5 करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने पर 2,000 करोड़ रूपया से अधिक खर्च किया जाएगा और यह ग्रामीण महिलाओं की मदद करेगा।’’ शाह ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर 2. 21 लाख करोड़ रूपये के बजटीय खर्च का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की सराहना करता हूं।’’
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