नई दिल्ली.देश में अमीर तबके को मिल रही करीब एक लाख करोड़ रु. की सब्सिडी आने वाले वक्त में खत्म हो सकती है। रियायती सिलेंडरों की संख्या भी 12 से घटकर 10 हो सकती है। अरुण जेटली ने पार्लियामेंट में इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट 2015-16 पेश करते हुए यह इशारे दिए। रिपोर्ट को लेकर क्या कहा जेटली ने...
- जेटली ने कहा कि सरकार मानती है कि सब्सिडी अमीरों के लिए नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए है।
- पर यह वस्तुओं और सेवाओं जैसे सोना, रसोई गैस, केरोसीन, बिजली, रेल भाड़ा, एविएशन और स्माल सेविंग्स प्लान के जरिए अमीर तबके तक पहुंच रही है।
- इन्हें रीजनेबल बनाने और सही तबके तक पहुंचाने की जरूरत है।
यह सुझाए उपाय :
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए जनधन-आधार-मोबाइल (जैम) के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाया जाएगा।
- प्रति परिवार रियायती दाम पर मौजूदा 12 की जगह 10 सिलेंडर मुहैया कराए जाने चाहिए।
- फर्टिलाइजर मार्केट को सरकार के कन्ट्रोल से मुक्त कर तयशुदा सब्सिडी सीधे किसानों को पे की जानी चाहिए।
7.5 परसेंट तक की डेवलपमेंट ग्रोथ संभव
-सर्वे के मुताबिक, देश की इकोनॉमी डेवलपमेंट के रास्ते पर तेजी से कदम बढ़ा रही है।
- अगले फाइनेंस ईयर में 7 से 7.5 परसेंट की डेवलपमेंट ग्रोथ हासिल की जा सकती है।
- लेकिन ग्लोबल इंस्टेबिलिटी के चलते इसमें गिरावट का खतरा भी बना रहेगा।
- वहीं, दो वर्षों में 8 परसेंट या उससे भी ज्यादा की डेवलपमेंट ग्रोथ संभव है।
- सुधारों की गति बनाए रखने, सब्सिडी में कटौती करने, जीएसटी को लागू करने और वित्तीय लक्ष्यों की मध्यावधि समीक्षा होनी चाहिए ताकि अतिरिक्त खर्चों के लिए गुंजाइश बनाई जा सके।
- इसके अलावा हेल्थ, एजुकेशन में इन्वेस्टमेंट, एग्रीकल्चर पर फोकस करने की जरूरत बताई गई है।
- लेबर मार्केट की चुनौतियों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में “अच्छी नौकरियां’ पैदा करने पर जोर दिया गया है।
- ऐसी नौकरियां जो सुरक्षित भी हों और सैलरी भी अच्छा मिले।
बजट में इन्फ्रा सुधारों पर होगा जोर
- जेटली ने यह भी इशारे दिए कि आने वाले बजट में अच्छी रेटिंग पाने के लिए लोक-लुभावन नीतियों पर जोर नहीं दिया जाएगा, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
- उन्होंने उम्मीद जताई कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के अमल में आना एक बड़ा आर्थिक सुधार होगा।
- उम्मीद है कि कांग्रेस जरूरत को देखते हुए जीएसटी बिल को राज्यसभा में पारित करने में मदद करेगी।
- उन्होंने कहा, “यह इकोनॉमिक बिल बीजेपी बनाम अन्य नहीं है।
- बहुत अच्छा होगा यदि जीएसटी से संबंधित कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट बिल आम सहमति से पारित हो जाए।’
पे कमीशन लागू करने से नहीं बढ़ेगी महंगाई
- 2016-17 में रिटेल महंगाई दर 4.5-5% रहने का अनुमान।
- कर्मचारियों के लिए सेवंथ पे कमीशन की सिफारिश लागू करने से महंगाई नहीं बढ़ेगी।
- टैक्स का दायरा बढ़ाया जाए, 20 परसेंट से ज्यादा लोगों इसके दायरे में लाया जाए।
- एक्सपोर्ट में नरमी बरकरार रहेगी, अगले फाइनेंस ईयर में आएगी तेजी।
- सब्सिडी बिल फाइनेंस ईयर में जीडीपी का दो परसेंट से कम रहेगा।
प्रॉपर्टी टैक्स का दायरा बढ़ाने की वकालत
- इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने से सरकार को बचना चाहिए।
- बल्कि आयकरदाताओं का आधार और बढ़ाना चाहिए। प्रॉपर्टी टैक्स का दायरा भी बढ़ाना चाहिए।
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