नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सेना को भीड़ पर गोली मारने का आदेश नहीं दे सकता। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान बेकाबू भीड़ पर काबू पाने के लिए सेना को खुली छूट देने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है और जब भी स्थिति पैदा होगी, चीजों का खयाल रखा जाएगा।
बेंच ने कहा, 'आप हमसे चाहते हैं कि हम सेना को भीड़ को गोली मारने का निर्देश जारी करें। हम इस तरह का निर्देश नहीं जारी कर सकते।' बेंच ने साथ में यह भी कहा कि जो भी कानून को अपने हाथ में लेगा, उसके खिलाफ कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा। बेंच ने याचिका को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया।
जाट आंदोलन के दौरान जिस तरीके से दंगाइयों ने उत्पात मचाया था, उसपर एक याचिका दायर की गई थी कि आर्मी को हालात कंट्रोल में लाने के लिए 'फ्री हैंड' ऑर्डर दिए जाने चाहिए थे।
बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता अजय जैन, आंदोलन के कारण हुए नुकसान के लिए पीड़ितों को मुआवजे की मांग करते तो वह इस बारे में जरूर विचार करती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सेना को भीड़ पर गोली मारने का आदेश नहीं दे सकता। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान बेकाबू भीड़ पर काबू पाने के लिए सेना को खुली छूट देने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है और जब भी स्थिति पैदा होगी, चीजों का खयाल रखा जाएगा।
बेंच ने कहा, 'आप हमसे चाहते हैं कि हम सेना को भीड़ को गोली मारने का निर्देश जारी करें। हम इस तरह का निर्देश नहीं जारी कर सकते।' बेंच ने साथ में यह भी कहा कि जो भी कानून को अपने हाथ में लेगा, उसके खिलाफ कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा। बेंच ने याचिका को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया।
जाट आंदोलन के दौरान जिस तरीके से दंगाइयों ने उत्पात मचाया था, उसपर एक याचिका दायर की गई थी कि आर्मी को हालात कंट्रोल में लाने के लिए 'फ्री हैंड' ऑर्डर दिए जाने चाहिए थे।
बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता अजय जैन, आंदोलन के कारण हुए नुकसान के लिए पीड़ितों को मुआवजे की मांग करते तो वह इस बारे में जरूर विचार करती।
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