आतकंवाद, उपद्रवी या गुंडा तत्व ऐसा कर सकते हैं। धर्म जात की आड़ में गुंडागर्दी दुश्मनी या राजनैतिक दुश्मनी निकालने के लिए की गई होगी। कोई भी धर्म जाति ऐसा कर ही नहीं सकते। वर्ष 1972 में जब वे पढ़ा करते थे तो कोई भी खुद को छोटा कहलाना पसंद नहीं करता था परंतु आज सब लोग एक दूसरे से छोटा कहलाना चाहते हैं , बस आरक्षण की वजह से। उनकी निजी राय है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर हो, जो गरीबी रेखा से नीचे, दीये या लैंप जलाकर पढ़ते हो, ऐसे लोगों को बिना जाति धर्म के भेद के लाभ मिलना चाहिए। आरक्षण पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में ब्लाकों को आश्रम की तरफ से मदद करने के लिए कहा जाएगा। जेएनयू प्रकरण पर उन्होंने कहा कि जिस देश में रहो उसके विरूद्ध नारे लगाना सही नहीं है।उन्होंने कहा कि जिस देश का खाते हैं, जिसकी आबो हवा में सांस लेते हैं उसके प्रति देशभक्ति होना चाहिए, उसका ऋण चुकाया नहीं जा सकता। बजट के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि उन्होंने कभी विश्लेषण नहीं किया है पर
समाज में तीन वर्ग बेहद गरीब, मिडल और हॉयर। जिसको जीवन के लिए जो जरूरी हो उस पर सबसिड़ी मिले और जो ऐशों आराम की चीजें हो उन्हें थोड़ा महंगा भी किया जा सकता है। क्योंकि उनकी वजह से जरूरत की
चीजें सस्ती मिल सकेगी। इससे पूर्व पूज्य गुरु सन्त डॉ.गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने महा-रहमोकर्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित रक्तदान शिविर, जनकल्याण परमार्थी कैंप, मुफ्त हक कानूनी सलाह कैंप, कैरियर काऊंसलिंग कैंप, साइबर लॉ व इंटरनेट जागरूकता कैंप सहित अनेक कैंपों का शुभारंभ किया। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत डॉ. गुरमीत राम
रहीम सिंह जी इन्सां ने 16,420 लोगों को गुरुमंत्र प्रदान किया। दो नए मानवता भलाई कार्य शुरू करवाए, डेरा द्वारा करवाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों की संख्या अब बढ़कर 119 हो चुकी है।
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.