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चंडीगढ़: इन दिनों हरियाणा में जो कुछ हुआ वो काफी दुखदायी था। आंदोलनकारियों ने व्यापारियों की दुकानों तक को जलाकर
राख कर दिया। जिन उद्योगों को लोगों ने कड़ी मेहनत और इतने सालों से खड़ा किया था उसे तहस-नहस करने में दंगइयों को कुछ क्षण ही लगे। गैर-जाट समुदायों के स्वामित्व वाली सम्पत्तियों, दुकानों, शोरूमों तथा गैरेजों पर आक्रोशपूर्ण ढंग से हल्ला बोला गया। साफ नजर आ रहा है कि नुकसान सिर्फ उन्हें ही पहुंचाया गया।



कई वीडियो में भी सामने आई जिसमें प्रदर्शनकारी साफ तौर पर बोलते नजर आए कि ये दुकान नहीं जलानी क्योंकि यह उनकी अपनी है। आरक्षण के नाम पर सफीदों क्षेत्र में करीब 2500 पेड़ काट दिए गए। जिससे वन विभाग को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। इसकी शिकायत विभाग के रेंजर विनोद राणा ने पुलिस को दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर 45 नामजद कर 300 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उक्त 45 लोगों मेें कई गांवों के लोगों को शामिल किया गया है।

आंदोलन शांत हुआ तो मुरथल कांड ने आवाज उठा ली जो कि हरियाणा सरकार के लिए सच में शर्मनाक बात है कि वहां महिला यात्रियों के साथ बदसलूकी की गई और कथित गैंगरेप की घटनाएं सामने आईं। हरियाणा में वर्तमान में जो घटनाएं हुई हैं उन्होंने इस राज्य को 20 साल पीछे धकेल दिया है। हरियाणा के कई जिले पर्यटन आदि के लिए प्रसिद्ध हैं लेकिन अब यहां जाने से पहले कई लोग अब हजार बार सोचेंगे तो वहीं दूसरी ओर कई व्यवसायी भी अब हरियाणा में इंडस्ट्री को लगाना नहीं चाहता क्योंकि उनके दिलों में डर है कि आने वाले समय में अगर ऐसा हुआ तो नुकसान की भरपाई करना इतना आसान नहीं होगा।

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